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Thursday, January 27, 2022
Tuesday, January 25, 2022
गणतंत्र दिवस 2022
हमारे देश में प्रतिवर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। देश भर में 26 जनवरी का दिन एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हमारे देश में इस राष्ट्रीय पर्व को मनाने का कारण यह है कि हमारे देश में ऐसी दिन आजादी के बाद में सविधान को लागू किया गया था। देश में 26 जनवरी 1950 को सविंधान लागू होने के बाद में प्रतिवर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हमारे देश में 26 जनवरी के दिन के दिन हर सरकारी कार्यालय में आयोजन और तिरंगा फहराया जाता है। साथ ही साथ इस दिन हर जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। दिल्ली के लाल किले पर हमारे देश की तीनों सेनाओं के द्वारा भव्य प्रदर्शन किया जाता है।
हमारे देश की वायु सेना के द्वारा आसमान में तिरंगा लहराया जाता है। हमारे देश का सविधान जिसे डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की अधयक्षता में लिखा गया। हमारे इस के सविधान को लिखने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। देश का सविधान आजादी के बाद लिखना शुरू किया गया था। सविधान पूरा लिखा जाने के बाद इसे पुरे देश में 26 जनवरी 1950 के दिन लागू किया गया था।
'बीटिंग द रिट्रीट' का आयोजन गणतंत्र दिवस समारोह के तीसरे दिन यानी 29 जनवरी की शाम को किया जाता है। यह 26 जनवरी को शुरू हुए समारोह के समाप्त होने का सूचक है। इसका आयोजन राष्ट्रपति भवन रायसीना हिल्स में किया जाता है, जिसके चीफ गेस्ट राष्ट्रपति होते हैं। 26 जनवरी से 29 जनवरी के बीच राष्ट्रपति भवन समेत सरकारी भवनों की सजावट की जाती है। इस आयोजन में तीनों सेनाएं (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) एक साथ मिलकर सामूहिक बैंड का कार्यक्रम प्रस्तुत करती हैं। साथ ही परेड भी होती है।
Monday, January 24, 2022
Saturday, January 22, 2022
Quiz- Netaji
Quizhttps://quiz.mygov.in/quiz/quiz-on-dekho-apna-desh-webinar-relevance-of-netaji-subhas-chandra-bose-in-21st-century/
Tuesday, January 11, 2022
राष्ट्रीय युवा दिवस
#स्वामी_विवेकानन्द #YouthDay
आज 12 जनवरी है, सनातन धर्म की सहिष्णुता, सार्वभौमिकता, महानता और इसके हृदय की आंतरिक विशालता का पूरी दुनिया को दर्शन करानेवाले; स्वामी विवेकानंद का आज जन्मदिवस है।
स्वामी जी का शिकागो सर्व धर्म सम्मेलन में दिया गया व्याख्यान और उसकी ख्याति किसे पता न होगी। जिन्होंने नहीं सुनी है उन्हें संक्षेप में उस पल का नजारा सुनाता हूँ। यह किस्सा हर युवा को सुनना चाहिए। हमारी धरती माँ की कोख से निकला एक युवा कितना विलक्षण था, आज की पीढ़ी को जानना ही चाहिए और इसके लिए आज से अच्छा दिन क्या होगा।
साल 1893 का 'विश्व धर्म सम्मेलन' कोलंबस द्वारा अमेरिका की खोज करने के 400 साल पूरे होने पर आयोजित विशाल विश्व मेले का एक हिस्सा था। नियत तिथि से धर्म-सभा शुरू हुई। स्वामी जी भी बड़ी मुश्किलों का सामना करते हुए अमेरिका पहुंचे थे और धर्म-संसद में हिस्सा लेने की स्वीकृति भी उन्हें बड़ी मुश्किल से प्राप्त हुई थी। जब सभा शुरू हुई तो उस दिन स्वामी जी भी व्याख्यान देनेवालों की पंक्ति में बैठे थे। उनसे पहले 4 प्रतिनिधि लिखित वक्तव्य पढ़ चुके थे। स्वामी जी को सभापति बार-बार बोलने का आग्रह कर रहे थे पर स्वामी जी मना करते रहे। सभापति सोच में पड़ गया कि यह सन्यासी बोल भी पाएगा या नहीं। असल में इतनी बड़ी सभा देखकर उन्हें लग रहा था कि वे कैसे बोलेंगे। जहाँ अन्य आये प्रतिनिधि गहन तैयारी से लैस हैं, पास लिखित आख्यान है, रिहर्सल है, प्रैक्टिस है। पर उनके पास तो ऐसा कुछ भी नहीं।
अंत में वे उठे और ज्ञान की देवी माँ सरस्वती को नमन कर अंग्रेजी में बोलना शुरू किया। चारों तरफ शांति छा गयी। लोग उनकी पगड़ी और पोशाक देखकर उत्सुकता से उन्हें निहारने लगे। "अमेरिका के भाइयों और बहनों" इतना सुनना था कि विशाल सभा कक्ष में विद्युत सी लहर दौड़ गयी। तालियों की गड़गड़ाहट से सभा भवन गूंज उठा। करीब 7 हजार व्यक्ति श्रद्धा में भाव-विभोर हो उठ खड़े हुए, किसी ऐसी चीज को सुनकर जो वो ठीक-ठीक समझ भी न पाए थे। वे पहले ही उनके मुखमण्डल पर प्रज्ज्वलित अग्नि सा तेज और बड़ी-बड़ी दीप्त गम्भीर आंखों के प्रभाव में थे और तिस पर ये अनूठा सम्बोधन!!!
तब के एक प्रत्यक्षदर्शी श्रीमती ब्लोजेट ने लिखा है कि "दो मिनट तक कानों को बहरा कर देने वाली करतल ध्वनि बजती रही और जब थमी तो बीसियों स्त्रियाँ उनके समीप पहुँचने के लिए बेंचों को लाँघती-फांदति आगे बढ़ने लगीं।" और उसके बाद जो स्वामी जी का व्याख्यान हुआ वह विश्व इतिहास में सुनहले अक्षरों में हमेशा के लिए दर्ज है।
भारतीय युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर उन्हें सादर नमन है। आज हम युवाओं के लिए वह भारत निर्माण का प्रण लेने का दिन है जिसका सपना अपने अल्पायु में स्वामी जी ने देखा था।
(अधिक से अधिक लोगों को स्वामी जी की जीवनी से अवगत कराएं)
Tuesday, January 4, 2022
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